
श्रीखंड महादेव जी का मंदिर 18000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है | shrikhand mahadev yatra 2023 registration श्रीखंड महादेव की यात्रा जुलाई से अगस्त के बीच शुरू होने जा रही है। श्रीखंड महादेव की कहानी बड़ी ही रोमंजित करने वाली है | story of shrikhand mahadev तभी तो हर कोई इस जग़ह पर जाना चाहता है। कहानी इस प्रकार है |
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History of Shrikhand Kailash Yatra
जब भस्मासुर राक्षस ने तपस्या करके भगवान शिव से वरदान मांगा। वरदान यह था | कि भस्मासुर जिसके सिर पर भी वह अपना हाथ रखेगा तो वह भस्म हो जाएगा। information to shrikhand mahadev भस्मासुर की इच्छा पूरी करते ही भगवान शिव संकट में पड़ गए |
तब भगवान शिव अपने आपको बचने के लिए 50 फीट के पत्थर के शिवलिंग में बैठ गए | भगवान विष्णु ने एक नाचने वाली स्त्री का रूप लेकर भस्मासुर को जला दिया | तभी से इस पर्वत को श्री खंड कैलाश के नाम से जाना जाता है। shrikhand mahadev story
Nayan Sarovar Lake

लेकिन भस्मासुर अहंकार में आकर भगवान शिव के ही पीछे ही पड़ गया। जब मजबूरन भोलेनाथ को इन पहाड़ीयों में जाकर छिपना पड़ा। इसी कारण राक्षस के डर से पार्वती यहां रो पड़ीं। nayan sarovar lake तभी अश्रुओं से यहां नयन सरोवर का निर्माण हुआ।
इस सरोवर की एक एक धार यहां से होती हुई | भगवान शिव की गुफा निरमंड के देव ढांक तक गिरती है। जो यहाँ से 25 किमी नीचे है | श्रीखंड यात्रा के दौरान लोग इस सरोवर पर जाना नहीं भूलते। real story shrikhand mahadev
एक पुरनी कथा के अनुसार जब पांडवों को 13 वर्ष का वनवास मिला | पांडवों ने यहां एक राक्षस को मारा था | जो यहां आने वाले भक्तों को मार कर खाता था। जब राक्षस का लाल रक्त जब जमीन पर पड़ा | तो वह की जमीन भी रंग लाल की हो गई। आज के समय में भी वहां लाल रंग में मौजूद है। parvati bagh flower
Bhimdwar

भीमडवार पहुंचने के बाद रात के समय यहां कई जड़ी-बूटियां चमकती हैं। visit to bhimdwar near by कई भक्तों का दावा है | कि इनमें से कई संजीवनी बूटी भी मौजूद है। आपको यात्रा के दौरान पार्वती बाग भी रास्ते में ही पड़ता है।
इस बाग को मां पार्वती से जुड़ा हुआ माना जाता है। parvati bagh flower इस स्थान पर आज भी कई प्रकार के रंग बिरंगे फूल खिलते हैं। ये फूल इस स्थान के अलावा और कहीं नहीं खिलते। Shrikhand yatra Very difficult
Parvati Bagh
भगवान शिव के भारत में अनेको मंदिर है | उसी प्रकार भगवान शिव कई जगह रहते हैं | shrikhand mahadev yatra in hindi लेकिन श्रीखंड शिखर एक ऐसा स्थना है | जहाँ माना जाता है | कि शिव उस जगह पर हर समय निवास करते हैं। श्रीखंड महादेव हिंदुओं का एक तीर्थ स्थान है।

श्रीखंड पर्वत का शिखर समुद्र तल से लगभग 5155 मीटर ऊंचा पर स्थित है। इसलिए यह धार्मिक लोगों के अलवा पर्वतारोहियों और ट्रेकर्स के लिए भी श्रीखंड पर्वत बहुत आकर्षण का बना हुआ है।
The Great Himalayan National Park
यह ग्रेट हिमालय नेशनल पार्क (कुल्लू-शिमला, हिमाचल प्रदेश, भारत) का एक हिस्सा है, जहाँ के जंगल और ऊँचाई वाले मैदानी क्षेत्र संरक्षित हैं | और अपनी सुंदरता को प्रदर्शित कर सकते हैं। श्रीखंड महादेव शिखर शिवलिंग से मिलता जुलता है।
कई भगवान शिव भक्त मुख्य तीर्थयात्रा के मौसम (जुलाई – अगस्त) के दौरान पहाड़ पर कठिन यात्रा करते हैं। पहाड़ की चोटी पर भगवान शिव का एक छोटा मंदिर है। flavours and medicinal properties like Tulsi
श्रीखंड महादेव शिखर के रास्ते में श्रीखंड की राजसी चोटी तक पहुँचने से पहले कुछ ग्लेशियरों को पार करना पड़ता है। लेकिन मुश्किल ट्रेक भगवान शिव भक्तों को महादेव से दूर नहीं रख पते है। shrikhand kailash images
लेकिन यह तीर्थयात्रा निश्चित रूप से कमजोरों भक्तों के लिए नहीं है | क्योंकि कई बार एक विशेषज्ञ पर्वतारोही ट्रेकर के सभी कौशल की आवश्यकता होती है। यात्रा का प्रारंभिक चरण सुंदर फूलों और विशाल पेड़ों से भरे धुंध से भरे जंगलों से होकर गुजरता है।
जब यात्रा कठिन हिमालयी इलाके में प्रवेश करती है | इसमें लगभग सात से आठ दिन लगते हैं और यह भक्त की सहनशक्ति और जलवायु परिस्थितियों पर निर्भर करता है। इस ट्रेक को ट्रेकिंग का बहुत कम अनुभव चाहिए। best time to visit shrikhand mahadev yatra july to august
shrikhand mahadev yatra 2023 registration
करीब 35 किलोमीटर लंबी इस यात्रा में बर्फीले और जड़ी-बूटियों से लदे पहाड़ देखने को मिलते हैं । shimla tour to shrikhand mahadev distance यहाँ सुंदर और मनमोहक शीतल सुगंधित वायु चलती है। जो आपके मन में एक सन्ति का ऐसा करती है |
लोग शिव का नाम जपते हुए | इस संकरे मार्ग पर आगे बढ़ते जाते हैं। लेकिन यात्रा पर वही भक्त जा पाएंगे | जो मेडिकल में फिट होंगे। यात्रा पर जाने के लिए हर यात्री को लगभग 150 रुपये देकर अपना पंजीकरण करना पड़ता है |
इस बार श्रीखंड महादेव यात्रा के दौरान सिंघगाड़, थाचडू और भीमडवारी में तीन बेस कैंप होंगे। इस कैंप में डॉक्टरों की टीम, पुलिस, होमगार्ड जवान और रेस्क्यू टीम सहित करीब 35-40 लोग होंगे । सुबह बेस कैंप भीमडवारी से पांच बजे से नौ बजे तक भेजकर अंतिम जत्थे के साथ रेस्कयू दल रवाना होगा। शाम को श्रद्धालु श्रीखंड महादेव के दर्शन कर भीमडवारी में ठहराकर रवाना किए जाएंगे। jaon to shrikhand mahadev distance
Best Time to Visit shrikhand kailash yatra
श्रीखंड महादेव की यात्रा बस 15 दिनों के लिए खुलती है | shrikhand mahadev yatra opening date 2021 जो जुलाई से अगस्त के बीच में होती है | तो इसलिए हमें इन 15 दिनों में यह यात्रा पूरी करनी होती है | लेकिन आप अपंनी यात्रा के लिए 8 से 10 दिन ले सकते हो | जैसे :
How to Reach shrikhand kailash yatra
दिल्ली से शिमला के लिए ड्राइव कर के जा सकते हो। delhi to shrikhand mahadev distance रामपुर बुशहर शिमला का एक शहर और एक नगरपालिका परिषद है। जो शिमला से लगभग 130 किलोमीटर दूरी पर है | तो पहला दिन की रात नारकंडा से गुजर सकते जो |
सुबह नाश्ते के बाद, हम देवधंक, निर्मंद, बागीपुल से होते हूए हैं | shrikhand mahadev trekking distance घने जंगल तथा सेब के बागों के बीच में से निकल कर हैं। अपने अगले गंतव्य सिंहगढ़ तक पहुँचने के लिए लगभग 2 घंटे की ट्रेकिंग और शुरू करते हैं। shrikhand mahadev trek cost इस मार्ग पर हम गाँव, सेब के बागों, देवदार के जंगलों और कुप्पन स्ट्रीम के साथ चलते हैं।

जंगल से होकर हम बाराती नाला तक पहुँचते है | जो (7283 फीट) पर हैं। कुछ देर आराम करने के बाद, फिर हम दांडी-धार नामक एक खड़ी चढ़ाई शुरू करते हैं।
भीमद्वार (वार्ड 2 तक पहुंचने से पहले), कालीघाटी (12778 फीट की ऊंचाई पर 2 घंटे) की ओर जाने वाली नाश्ते की चढ़ाई के बाद (कैंप 2 में पहुंचने से पहले, बर्फ से ढके पहाड़ों की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लें, ग्लेशियर, झरनों से गुजरते हुए और विभिन्न प्रकार की ध्यान जड़ी बूटियों को देखें। see the herbs shrikhand mahadev yatra
जो देवदार के जंगल से 6-8 घंटे की कठिन पैदल यात्रा के बाद हम थाचडू तक पहुंचता हैं। थाचडू में हम श्रीखंड महादेव के दर्शन कर सकते हैं। दर्शन के बाद वापस नीचे आ सकते हो |
क्या इस बार श्रीखंड महादेव की यात्रा होगी?